भूमि अधिग्रहण क्या है,भूमि अधिग्रहण नियम

भूमि अधिग्रहण क्या है,भूमि अधिग्रहण नियम

भूमि अधिग्रहण संबंधी अधिनियम, भारत और पाकिस्तान दोनों का एक जैसा कानून है, जिसका उपयोग कर सरकारें निजी भूमि का अधिग्रहित कर सकतीं हैं। इसके लिये सरकार द्वारा भूमि मालिकों को क्षतिपूर्ति (मुआवजा) देना आवश्यक रहता है। यह मुआवजा राशि भूमि के सर्कल रेट पर निर्भर करता है।भूमि अधिग्रहण क्या है,भूमि अधिग्रहण नियम।

भूमि अधिग्रहण क्या है?
भूमि अधिग्रहण क्या है?

भूमि अधिग्रहण 

भूमि अधिग्रहण को किसी भी सरकार की एक ऐसी प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिसके द्वारा भूमि का स्वामित्व किसी भी व्यक्ति द्वारा पर भूमि का अधिग्रहण करती है, जैसे-

  • किसी सार्वजनिक प्रयोजन या किसी कंपनी के लिए इसका उपयोग किया कर सके।
  • यह अधिग्रहण भू स्वामी को मुआवज़े के भुगतान या भूमि में रुचि रखने वाले व्‍यक्तियों के भुगतान के अधीन होता है।
अधिग्रहण अधिनियम, 1894

संपत्ति की मांग और अधिग्रहण समवर्ती सूची में आता है, जिसका अर्थ होता कि,केन्‍द्र और राज्‍य सरकारें इस मामले में कानून बनाने का अधिकार रखती हैं। ऐसे अनेक स्‍थानीय और विशिष्‍ट कानून है, जो अपने अधीन भूमि के अधिग्रहण प्रदान करते हैं, किन्‍तु भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रमुख कानून भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 है।

सरकारी योजनाओं के तहत भूमि अधिग्रहण 

1994 अधिनियम सरकार को सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए भूमि के अधिग्रहण का प्राधिकरण व अधिकार प्रदान करता है- जैसे कि योजना संबंधी विकास, शहर या ग्रामीण योजना के लिए प्रावधान, गरीबों या भूमिहीनों के लिए आवासीय प्रयोजन हेतु प्रावधान या किसी शिक्षा, आवास या स्‍वास्‍थ्‍य योजना के लिए सरकार को भूमि की आवश्‍यकता। इससे मूल्‍य पर भूमि के अधिग्रहण में रूकावट आती है, जिससे लागत में विपरीत प्रभाव पड़ता है।

अधिग्रहण का उद्देश्य
भूमि अधिग्रहण करने का उद्देश्य
भूमि अधिग्रहण करने का उद्देश्य

इस अधिग्रहण प्रावधान को सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए शहरी भूमि के पर्याप्‍त भण्‍डार के निर्माण हेतु लागू किया गया था, जैसे कि कम आय वाले आवास, सड़कों को चौड़ा बनाना, उद्यानों तथा अन्‍य सुविधाओं का विकास करना है। इस भूमि को प्रारूपिक तौर पर सरकार द्वारा बाजार मूल्‍य के अनुसार भूमि के स्‍वामियों को मुआवज़े के भुगतान के माध्‍यम से अधिग्रहण किया जाता है।

मुआवजे का वितरण संबंधी

1994 अधिनियम का उद्देश्‍य सार्वजनिक प्रयोजनों तथा उन कंपनियों के लिए भूमि के अधिग्रहण से संबंधित इन सभी कानूनों को संशोधित करना है। साथ ही उस मुआवज़े का निर्धारण करना भी है, जो भूमि अधिग्रहण के मामलों में करने की जरूरत होती है। इसको लागू करने से बताया जाता है कि, अभिव्‍यक्‍त भूमि में वे लाभ शामिल हैं जो भूमि से उत्‍पन्‍न होते हैं और वे वस्‍तुएं जो मिट्टी के साथ जुड़ी हुई हैं या भूमि पर मजबूती से स्‍थायी रूप से जुड़ी हुई होती हैं।

चार गुना मुआवजा वितरण संबंधी

भूमि अधिग्रहण के तत्पश्चात सबसे महत्वपूर्ण अंग राशि को किस आधार पर वितरित किया जाएगा। इसका सीधा एवं सरल जोड़ वहां स्थित भूमि का सरकारी रेट अथवा रजिस्ट्री रेट के ऊपर निर्भर करता है। यदि माना किसी भूमि का सर्किल रेट ₹500 प्रति वर्ग फुट है, तो इसकी मुआवजा राशि करीब ₹2000 प्रति वर्ग फीट होगी।

भूमि अधिग्रहण संबंधित कलेक्टर सहित, जुड़े विभाग की भूमिका
ken-betwa link project latest news
ken-betwa link project latest news

दोबारा इस अधिनियम में सार्वजनिक प्रस्‍तावों को भी विनिर्दिष्‍ट किया जाता है, जो राज्‍य की ओर से भूमि के इस अधिग्रहण हेतु प्राधिकृत हैं।इस नियम में कलेक्‍टर, उपायुक्‍त तथा अन्‍य कोई अधिकारी शामिल हैं।

विशेष प्रक्रिया
  • कानून के प्राधिकार के अनुसार उपयुक्‍त सरकार द्वारा विशेष रूप से नियुक्ति की जाती है।
  • कलेक्‍टर द्वारा घोषणा तैयार की करना और इसकी प्रतियां प्रशासनिक विभागों तथा अन्‍य सभी संबंधित पक्षकारों को भेजी जाती है।
  • इस घोषणा की आवश्‍यकता  जारी अधिसूचना के मामले में प्रकाशित की जाती है।
  • कलेक्‍टर द्वारा निर्णय जारी किए जाते हैं, जिसमें कोई आपत्ति को दर्ज कराने के लिए कम से कम 15 दिन का समय दिए जाने का प्रावधान सामिल है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न – भूमि का अधिग्रहण क्यों किया जाता है?

उत्तर – किसी परियोजना के परिचालन के लिए भूमि अधिग्रहण किया जाता है।

प्रश्न – भूमि अधिग्रहण संबंधी मुख्य कानून कौन सा है?

उत्तर – 1994 नियम को इसका मुख्य कानून माना जाता है।

प्रश्न – भूमि अधिग्रहण का मुख्य कारण क्या होता है?

उत्तर – किसी भी परियोजना को धरातल पर उतारने की सबसे पहली प्रक्रिया भूमि अधिग्रहण होती है।

प्रश्न – भूमि का मुआवजा किस आधार पर मिलता है?

उत्तर – भूमि का मुआवजा भूमि के सर्किल मूल्य अथवा रजिस्ट्री मूल्य पर निर्भर करता है।

प्रश्न – भूमि का मुआवजा कितना मिलता है?

उत्तर – भूमि के सर्कल मूल अथवा रजिस्ट्री रेट के 4 गुना मुआवजा मिलने का प्रावधान होता है।

प्रश्न – अधिग्रहण संबंधी भूमि की रजिस्ट्री कब तक कर सकते हैं?

उत्तर – अधिग्रहण से पूर्व भूमि की खरीद बिक्री की जा सकती है।

प्रश्न – भूमि का मुआवजा किसे मिलता है?

उत्तर – भूमि की रजिस्ट्री जिस व्यक्ति के नाम होती है, उसे ही मुआवजा देने का प्रावधान होता है।

प्रश्न – भारत की सबसे बड़ी नदी जोड़ो परियोजना कौन सी है?

उत्तर – केन बेतवा लिंक नहर परियोजना को सबसे बड़ी नदी जोड़ो परियोजना माना गया है।

यह भी पढ़ें

केन बेतवा लिंक नहर परियोजना

केन बेतवा नहर परियोजना का उद्घाटन

केन बेतवा नहर परियोजना ताजी खबर

किसानों को मिलेगा करोड़ का मुआवजा

 

Leave a comment