Ken betwa link pariyojana ka udghatan kab hoga,in wikipedia

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केन बेतवा लिंक परियोजना
नहर परियोजना

केन बेतवा लिंक परियोजना घोषणा बांध बनाने के लिए पन्ना और छतरपुर कलेक्टरों को इस महीने तक विस्थापन की कार्यवाही पूर्ण करने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। केन बेतवा लिंक नहर परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जन्म दिवस 17 सितंबर पर रखने की तैयारी है।Ken betwa link pariyojana ka udghatan kab hoga

पीएम मोदी के जन्मदिन पर उद्घाटन करने तैयारी

इस साल के नवंबर 2023 में मध्य प्रदेश विधानसभा और अप्रैल में 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं, जिसमें केन बेतवा लिंक परियोजना अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। जिसको लेकर इस Ken betwa link pariyojana को जल्द ही धरातल पर उतारा जाना है।

पन्ना और छतरपुर कलेक्टरों को गांव के विस्थापन के दिशा निर्देश पुनर्वास के लिए 221 करोड रुपए भी प्रदान किए गए हैं। जल संसाधन मंत्रालय ने ढोढन बांध निर्माण की निविदा के लिए दस्तावेज तैयार करके निविदा को जारी कर दिया गया।Ken betwa link pariyojana ka udghatan kab hoga

Ken betwa link pariyojana चर्चा में क्यों है

इस परियोजना की संपूर्ण देश में चर्चा का विषय होना, क्योंकि नदी जोड़ो परियोजना की यह पहली महत्वाकांक्षी नदी जोड़ो परियोजना है। इससे मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड सूखा प्रभावित क्षेत्र को सिंचाई एवं पीने को पानी प्राप्त होगा। भोपाल में आए केंद्रीय जल संसाधन मंत्री के सचिव पंकज कुमार जी द्वारा परियोजना कार्यालय का शुभारंभ किया गया। प्रदेश मुख्य सचिव इकबाल सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी,जिसमें परियोजना से जुड़ी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की अधिकारी शामिल हुए थे।

वन विभाग द्वारा विवादित अनुमति

वन विभाग में Ken betwa link pariyojana के अंतर्गत पन्ना टाइगर रिजर्व के कुल क्षेत्र में काम करने की अनुमति भी प्राप्त हो चुकी है। इसके लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु,पर्यावरण मंत्रालय को पत्र भी लिखा। दोनों जिलों के कलेक्टर ने भी 3500 हेक्टेयर राजस्व अर्थात सरकारी भूमि को ढूंढ लिया। इसके बदले में वन विभाग को यह भूमि दी जानी है। इसमें सरकारी खसरे से वन विभाग के नाम यह जमीन दर्ज भी की जा चुकी है।Ken betwa link pariyojana ka udghatan kab hoga

Ken betwa link pariyojana में कितना क्षेत्र डूबे में आ रहा

परियोजना के डूब क्षेत्र में आ रही 6017 हेक्टेयर भूमि की भरपाई सरकारी भूमि देकर करनी है। कलेक्टरों ने इसी वर्ष 5439 हेक्टेयर भूमि दे दी थी, लेकिन शेष भूमि 578 हेक्टेयर और बाकी थी। जिसका काम पूर्ण हो चुका है। जमीन की तलाश में वन विभाग के प्रशिक्षण में पता लगाया गया कि, राजस्व भूमि में से 3500 हेक्टेयर भूमि पहले ही वन विभाग की है।

परियोजना के लिए वन विभाग के सभी चरणों में पर्यावरण की अनुमति प्राप्त हो चुकी। पहले चरण की अनुमति के लिए 47 शर्तें थी और इनमें से कुछ शर्ते पूर्ण हो गई तो कुछ को अभी पूरा करने का काम चल रहा है।

Ken betwa link pariyojana एक नजर में

  • लागत 44605 करोड रुपए आएगी।
  • केंद्र सरकार 90% हिस्सा अदा करेगी।
  • राज्य सरकार द्वारा पांच-पांच प्रतिशत राशि शामिल की जाएगी।
  • केनवेसन से मध्य प्रदेश में सिंचाई 4.47 लाख हेक्टेयर होगी।
  • केनवेसन से उत्तर प्रदेश में सिंचाई 2.27 लाख हैक्टेयर भूमि पर होगी।
  • मध्य प्रदेश के हिस्से में बनाई जाएगी बिजली।

कंपनी 6 साल में करेगी बांध निर्माण कार्य

Ken betwa link pariyojana के अंतर्गत ढोढ़न बांध निर्माण में हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी, एसकेएन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, दिलीप बिल्डकॉन जैसी कंपनियों ने रुचि दिखाई। शनिवार को परियोजना की टेक्निकल बेड को खोला गया है। जिसमें देश की 10 कंपनियों ने हिस्सा लिया था।

इन कंपनियों के अधिकारियों ने बांध के निविदा दस्तावेज देखे और धरोहर राशि 10 करोड रुपए से कम रखने सहित कई सुझाव भी दिए। नेशनल वाटर डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि परियोजना का काम 6 साल में पूर्ण करने की चुनौती रहेगी।

Link project निवदा का अंतिम निर्धारण

कंपनियों के अधिकारियों ने तकनीकी मूल्यांकन समिति धरोहर राशि 50 करोड रुपए से कम कर 10 करोड रुपए करने और बैंक गारंटी परफॉर्मेंस राशि 5 से घटकर 3% करने का सुझाव भी दिया। अब समिति द्वारा सुझावों पर विचार किया जाएगा और दस्तावेजों में संशोधन करके एनडीए जारी की जाएगी।

Ken betwa link pariyojana मुआवजा राशि वितरण

Ken betwa link pariyojana का परिसंचालन करने के लिए भारत सरकार द्वारा  राशि का वितरण किया गया था, लेकिन किसानों द्वारा इस सहमति को ठुकराया गया और विरोध प्रदर्शन को भी सरकार को देखने के मिला। डूब क्षेत्र में प्रभावित हो रहे गांव के किसानों ने छतरपुर कलेक्टर संदीप जी आर के सामने कई सूत्रीय मांगे रखी, जिनमें मुआवजा संबंधी प्रकरण प्रमुख था।

विरोध प्रदर्शन में जहर किया गया कि, जो मुआवजा राशि सरकार ने हाल के वक्त में किसानों के खाते में डालने का प्रयास कर रही है। उस पैसे से किसी गांव में एक प्लॉट भी नहीं खरीदा जा सकता है। मतलब यह है कि, प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 3.50 लाख रुपए करीब सरकार मुआवजा के रूप में देने का प्रयास कर रही है।

इस लेख में केन बेतवा लिंक नहर परियोजना के बारे में जानकारी को प्रस्तुत आपके समक्ष किया गया है। आपको Ken betwa link pariyojana के जानकारी प्राप्त हो गई होगी। आप अपने सुझाव को हमारे साथ साझा कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न- केन बेतवा लिंक नहर परियोजना का उद्घाटन कब होगा?

उत्तर – सितंबर माह में पीएम नरेंद्र मोदी जी के जन्म दिवस पर उद्घाटन होने की संभावना है।

प्रश्न – Ken betwa link pariyojana का मुआवजा कब मिलेगा?

उत्तर – डूब प्रभावित क्षेत्र में विस्थापित होने वाले किसानों को मुआवजा राशि वितरित हो रही है।

प्रश्न – परियोजना को कितना समय लगेगा पूर्ण होने में?

उत्तर – परियोजना को 6 साल में पूर्ण करने की चुनौती कंपनी को होगी।

प्रश्न – Ken betwa link pariyojana की लागत कितनी है?

उत्तर – इस परियोजना की लागत करीब 43000 करोड रुपए है।

प्रश्न – केंद्र सरकार कितने प्रतिशत बजट में मदद करेगी?

उत्तर – केंद्र सरकार द्वारा 90% बजट की सहायता की जाएगी।

प्रश्न – परियोजना से किन राज्यों को लाभ मिलेगा?

उत्तर – इस परियोजना से मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को मिलेगा।

प्रश्न – क्या बिजली उत्पादन भी की जाएगी?

उत्तर- नहर परियोजना में बिजली उत्पादन को भी शामिल किया गया है।

प्रश्न – केन नदी कहां से गुजराती है?

उत्तर – केन नदी पन्ना टाइगर रिजर्व से होकर गुजराती है।

प्रश्न – सबसे पहले परियोजना में क्या किया जाएगा?

उत्तर – इस परियोजना में सबसे पहले ढोढ़न बांध का निर्माण प्रस्तावित किया गया है।

 

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