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केन बेतवा रिवर इंटर लिंकिंग प्रोजेक्ट भारत सरकार की महत्वाकांक्षी नदी जोड़ो परियोजना की प्रथम परियोजना है। सर्वप्रथम अटल बिहारी वाजपेई जी के नेतृत्व में इन परियोजनाओं पर विचार विमर्श किया गया था। इसके अंतर्गत भारत की 30 नदियों को आपस में जोड़कर सूखा प्रभावित क्षेत्रों को लाभान्वित करना है।ken-betwa link project latest news

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परियोजनाओं पर 4 लाख करोड़ का व्यय

इन सभी नदी जोड़ो परियोजनाओं पर लगभग चार लाख करोड रुपए किए जाने हैं, जिसमें से ken-betwa link project सबसे अधिक लागत वाली एवं प्रथम परियोजना है। जिसकी उद्घाटन की आधारशिला प्रधानमंत्री मोदी जी के जन्म दिवस 17 सितंबर को रखी जाएगी।ken-betwa link project latest news

किसानों को किया जाएगा पुनर्विस्थापित 

डूब प्रभावित क्षेत्रों छतरपुर एवं पन्ना जिले के 13 गांव को पूर्ण रूप से विस्थापित किया जाएगा। इन गांवों के निवासियों को बिजावर तहसील के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में कैंपस के माध्यम से पुनर्विविस्थापित किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा विशेष बजट पैकेज में इन सभी किसानों को पुनर्स्थापित करने का फैसला हाल ही के दिनों में किया है।

ken-betwa link project प्रभावित किसानों को मुआवजा

प्रभावित क्षेत्र में आने वाले सभी किसानों को उनके कल्पनाओं के मुताबिक मुआवजा राशि का वितरण केंद्र सरकार द्वारा नहीं किया गया था। जिसको लेकर ग्रामीणों द्वारा पन्ना एवं छतरपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपे गए थे। इसके निराकरण में केंद्र सरकार द्वारा विशेष पैकेज द्वारा इन्हें मुआवजा राशि वितरण एवं पुनर्विविस्थापित किया जाएगा।

ken-betwa link project में मीटर ऊंचे बांध का निर्माण
Dhodhan bandh
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ग्राम ढोढन में 177 मीटर ऊंचा बांध बनाया जाएगा, जिसके जल को इस नहर द्वारा बेतवा नदी तक आदान प्रदान किया जाएगा। केन नदी के जल को बेतवा नदी एवं बेतवा नदी के जल को जरूरत के हिसाब से आदान-प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश राज्य के बुंदेलखंड सूखा प्रभावित क्षेत्र को पीने योग्य पानी एवं कृषि हेतु जल प्रदान किया जाएगा।ken-betwa link project latest news,ken betwa link project

किसानों को मिलेगा करोड़ का मुआवजा

क्षेत्र से गुजरने वाले भूमि प्रभावित किसानों को मिलेगा करोड़ों रुपए का मुआवजा। भूमि अधिग्रहण संबंधित नियमों में उल्लेख किया गया है, कि किसी भी राष्ट्रीय परियोजनाओं के अंतर्गत आने वाली भूमि अर्जन व भूमि मुआवजा वितरण में सरकारी रेट अथवा रजिस्ट्री रेट का शहरी क्षेत्र में दोगुना एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चार गुना मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है।

भूमि अधिग्रहण सहमति का महत्व

जब सरकार सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए भूमि का अधिग्रहण करती है और भूमि प्रतिबंध को नियंत्रित करती है। सीधे, भूमि मालिकों की सहमति आवश्यक नहीं माना जाता है। हालांकि, जब निजी कंपनियों की स्थापना के लिए भूमि का अधिग्रहण किया जाता है, तो प्रभावित परिवारों में से कम से कम 80% की सहमति का होना अनिवार्य है। यदि किसी परियोजना को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से किया जाता है, तो, 70% प्रभावित परिवारों को भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के लिए अपनी सहमति देनी जरूरी होगी।

भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत मुआवजा

एक्ट की धारा 26 जो प्रभावित हितग्राहियों से संबंधित जमीन के मालिकों के लिए। यह बाजार मूल्य के आधार पर प्रस्तावित नए मुआवजे की रूपरेखा तैयार करता है। आमतौर पर, शहरी क्षेत्र में 2 गुना एवम ग्रामीण क्षेत्रों में 4 गुना सर्कल रेट अथवा रजिस्ट्री रेट के आधार पर अधिग्रहित भूमि के लिए मुआवजा राशि व्रत की जाती है।ken-betwa link project latest news,ken betwa link project

Udghatan
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न – केन बेतवा नहर परियोजना का उद्घाटन कब होगा?

उत्तर – नहर परियोजना का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस 17 सितंबर को किए जाने की तैयारी है।

प्रश्न – केन बेतवा नहर परियोजना का मुआवजा कितना मिलेगा?

उत्तर – वर्तमान स्थिति सर्किल रेट अथवा रजिस्ट्री रेट का चार गुना।

प्रश्न – क्या नहर परियोजना से गुजरने वाली भूमि की रजिस्ट्री हो रही है?

उत्तर – भूमि अधिग्रहण के पहले जमीन की खरीद बिक्री की जा सकती है।

प्रश्न – ढोढन बांध कहां बना है?

उत्तर – पन्ना टाइगर रिजर्व एवं छतरपुर जिले के कुछ ग्रामों को विस्थापित कर इसका निर्माण किया जाना है।

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