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खजुराहो मंदिर का इतिहास
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खजुराहो को प्राचीन समय में खजूरपुरा के नाम से जाना जाता था। यह मध्य प्रदेश राज्य में स्थित प्रमुख शहर है, जो अपनी प्राचीन एवं मध्यकालीन मंदिरों के लिए विश्व भर में विख्यात है। खजुराहो छतरपुर जिले से कुछ ही दूरी का स्थित है। यह छतरपुर जिले के अंतर्गत आने वाला प्रमुख शहर है। एक और नाम खजूरी के नाम से भी जाना जाता था। खजुराहो में अधिक संख्या में प्राचीन हिंदू एवं जैन मंदिर बने हुए हैं। मंदिरों का यह शहर खजुराहो पूरे विश्व में मुड़े हुए पत्थरों से निर्मित मूर्ति व चित्रकला के लिए जाना जाता है।khajuraho temple, khajuraho mandir in Wikipedia

खजुराहो मंदिरों का इतिहास (History of Khajuraho Temple)

खजुराहो मंदिर
मंदिर का इतिहास

खजुराहो मंदिरों का निर्माण चंदेल राज वंशजों द्वारा 950 से 1050 ई के बीच हुआ था। खजुराहो मंदिर भारतीय कला में सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है, जो विश्व विख्यात है। जैन और हिंदू मंदिरों के इन मंदिरों को आकार लेने में लगभग 100 साल लगे। यहां पर मूल रूप से 85 मंदिरों का एक संग्रह जिनकी आज संख्या 25 के समीप आ गई है। यूनेस्को की विश्व विरासत मंदिर समूह को तीन परी क्षेत्र में विभाजित किया गया है। पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी।khajuraho temple, khajuraho mandir in Wikipedia

खजुराहो मंदिर विभाजन (Khajuraho Temple Partition)

खजुराहो मंदिरों के भागों को निम्नलिखित प्रकार से विभाजित किया गया है –

पश्चिमी समूह

एक ब्रिटिश इंजीनियर टी एस बर्ट द्वारा खजुराहो के मंदिरों की खोज की गई, तब से इन मंदिरों को पश्चिमी समूह के नाम से जाना जाता है। यह विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो के सबसे आकर्षक स्थान में से एक माना जाता है। इस स्थान को यूनेस्को की विश्व विरासत में सन 1986 में शामिल किया, जिसका मतलब यह हुआ कि अब सारा विश्व इसकी मरम्मत एवम देखभाल के लिए उत्तरदाई होगा। इसके नजदीक में शिव सागर मंदिरों के दर्शनों के साथ अपनी यात्रा शुरू करनी चाहिए।khajuraho temple

  • पश्चिमी समूह मंदिर में कुछ मंदिरों के नाम इस प्रकार से है-
  • लक्ष्मी मंदिर
  • लक्ष्मण मंदिर
  • वराह मंदिर
  • कंदरिया महादेव मंदिर
  • सिंह मंदिर
  • देवी जगदंबा मंदिर
  • सूर्य (चित्रगुप्त) मंदिर
  • विश्वनाथ मंदिर
  • नंदी मंदिर
  • पार्वती मंदिर है,जिनकी शोभा विश्व विख्यात है।

खजुराहो पूर्वी समूह मंदिर

पूर्वी समूह के मंदिर को दो भागों में विभाजित किया गया है, जिनकी उपस्थिति आज के गांधी की चौक से आरंभ हो जाती है। इस श्रेणी के प्रथम चार मंदिरों का समूह प्राचीन खजुराहो नगर के नजदीक है। दूसरे समूह में जैन मंदिर है, जो शहर के स्कूल के पीछे स्थित है। पुराने शहर के दूसरे छोर पर स्थित घंटी मंदिर को देखने के साथ के मंदिरों का भ्रमण करना शुरू किया जा सकता है। इसके नजदीक ही बामन एवं जावरी मंदिर भी एक दर्शनीय स्थल है।khajuraho temple, khajuraho mandir in Wikipedia

सन 1050 से 1075 ई के बीच 52 मंदिर का निर्माण कराया गया था। इन मंदिरों को विष्णु के अवतारों में भाव के साथ तुलना की जाती है। इसके नजदीक ही जावरि मंदिर है, जिनका निर्माण सन 975 से 1100 ई के बीच माना जाता है। इस मंदिर को भगवान विष्णु की प्रतिमाओं को समर्पित किया गया है। इन दोनों मंदिरों के नजदीक ब्रह्मा मंदिर है। जिसकी स्थापना 925 ई में हुई थी।

पूर्वी समूह मंदिर के कुछ नाम इस प्रकार हैं-

  • वामन मंदिर
  • जावरी मंदिर
  • जैन मंदिर
  • पार्श्वनाथ जैन मंदिर
  • शांतिनाथ जैन मंदिर
  • जैन मंदिर
  • जैन संग्रहालय

खजुराहो दक्षिणी समूह मंदिर

मंदिरों के इस भाग में दो मंदिर हैं। एक मंदिर भगवान शिव से संबंधित दूल्हा देव मंदिर है। दूसरा विष्णु भगवान से संबंधित है। जिसे चतुर्भुज मंदिर कहा जाता है। दूल्हा देव मंदिर खूडर नदी किनारे स्थित है। इसे लगभग 1130 ईस्वी में मदन बर्मन द्वारा बनवाया गया था। भगवान विष्णु की प्रतिमा को संत के भेष में दिखाया गया है।khajuraho temple

चतुर्भुज मंदिर

यह मंदिर पास के ग्राम जटकरा से लगभग आधा किलो मीटर दक्षिण दिशा में स्थित है। यह विष्णु मंदिर निराधार प्रकार का है। इसमें अर्थ मंडप, मंडप संकीर्ण अंतराल के साथ- साथ में गृह बना हुआ है। यह मंदिर अपने शिल्प कला में अदभुत है तथा शैलीगत विशेषताओं के आधार पर सबसे बाद में निर्मित हुए दूल्हा देव के समीप बना माना जाता है।

दूल्हा देव मंदिर

कुछ इतिहासकार कुमार नाथ मंदिर भी कहते हैं। इस मंदिर का निर्माण का लगभग सन 1000 ई है। मंदिर के भीतरी एवं बाहरी भाग में अनेक प्रतिमा अंकित की गई है। नारियों, अप्सराओं एवं मिथुन की प्रतिमा इस तरह से अंकित की गई है, कि सब अपने अस्तित्व के लिए सजग माने जाते हैं। भ्रष्ट मिथुन मोहभंग भी करते हैं। फिर अपनी विशेषताओं से चौकाते भी हैं,जिनकी भाव भंगी सुंदर दर्शनीयता का उद्दीपक स्वरूप है।khajuraho temple, khajuraho mandir in Wikipedia

संग्रहालय

खजुराहो के विशाल मंदिरों को तिरछी गर्दन द्वारा देखने के तत्पश्चात तीन संग्रहालयों को देखा जा सकता है। वेस्टर्न ग्रुप के विपरीत स्थित भारतीय पुरातत्व विभाग के संग्रहालय में रखी मूर्तियों को अपनी आंखों के स्तर पर देखा जा सकता है। पुरातत्व विभाग के इस संग्रहालय को चार विशाल भागों में बांटा गया है, जिसमें भगवान शिव, विष्णु, जैन और 100 मूर्तियां विभिन्न आकार की संग्रहित की गई है।

जैन संग्रहालय में 100 मूर्तियां जैन धर्म से संबंधित रखी हुई है। ट्राइबल राज्य संग्रहालय में जनजाति समूहों द्वारा बनाई गई-

  • पक्की मिट्टी की कलाकृतियां
  • धातु शिल्प
  • लकड़ी शिल्प
  • पेंटिंग
  • आभूषणों को दर्शा किया गया है।

इस लेख में खजुराहो मंदिर के इतिहास एवं चित्रकला के बारे में रोचक जानकारी प्रदान की गई है। आप अपने सुझाव को हमारे साथ साझा कर सकते हैं। विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो का एक बार भ्रमण आप जरूर करें। यूनेस्को की विश्व धरोहर खजुराहो।

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