नई दिल्ली

नई दिल्ली को राजधानी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह देश की राजधानी है। सन् 1911 में अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान कोलकाता भारत की राजधानी थी। धीरे-धीरे अंग्रेज शासको ने गौर किया कि,शासन को सही रूप से संचालित करने के लिए कोलकाता की जगह यदि दिल्ली को राजधानी बनाया जाए तो शासन संचालन में सरलता होगी और यह संचालन व्यवस्था में प्रभावी रूप से व्यवस्थित होगा।
अंग्रेज शासक का आदेश
महाराज जॉर्ज पंचम ने देश की राजधानी दिल्ली को बनाने के लिए आदेश दिया। सन् 1911 दिल्ली दरबार की संगठित कमेटी के द्वारा 15 दिसंबर को दिल्ली शहर की नींव सम्राट जॉर्ज के पंचम के द्वारा रखी गई थी ।ब्रिटिश के प्रमुख वास्तुकार सर एड्विन लुट्यन्स एवं सर हर्बर्ट बेकर के द्वारा दिल्ली की रूपरेखा बनाई और भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड लॉर्ड इर्विन द्वारा 13 फरवरी सन् 1931 में उद्घाटन किया।
नई दिल्ली का इतिहास
भारत के आधुनिक इतिहास में सन् 1913 में “एडमिन लुटियंस एवं हरबर्ट बेकर” को दिल्ली शहर को नए प्रारूप मैं बनाने लिए नियुक्त किया गया था। सन् 1921 “ALL INDIA WAR MEMOREAL” की आधारशिला रखी गई। सन् 1931 भारत के गवर्नर द्वारा नई दिल्ली का उद्घाटन किया गया। यह संपूर्ण देश की राजधानी बनाई गई।
वर्तमान समय में दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार: भारत की राष्ट्रीय राजधानी है। नई दिल्ली यह सर्वोच्च नियंत्रण और प्रशासनिक अधिकारी होती है। इसमें एक कार्यपालक शाखा भी होती है, जिसकी अध्यक्ष के तौर के रूप में दिल्ली के “लेफ्टिनेंट गवर्नर” के संग में एक न्यायपालिका के रूप में दिल्ली में उच्च न्यायालय और एक विधायक का होती है, जो सभी विधानसभा में बैठने का कार्य करती है। वर्तमान समय दिल्ली विधानसभा एक सदनीय होती है और इसमें 70 सदस्य हैं।
दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश
आधिकारिक तौर पर दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी होने के साथ – केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली को नियंत्रित करने का कार्य करती है। जिस पर शहरी क्षेत्र भारत सरकारी की सीट होती है।75 में संविधानिक संशोधन अधिनियम के अनुसार क्षेत्र में स्थानीय सरकारों को नियंत्रित करने का कार्य करती है।
केंद्र शासित प्रदेशों केंद्र सरकार द्वारा शासन किया जाता है। इसमें भी कुछ अपवाद हैं, जैसे दिल्ली और पुडुचेरी जिनमें से कुछ सीमाओं के साथ अपनी चुनी हुई सरकार भी होती हैं।
दार्शनिक स्थल
भारत की राजधानी दिल्ली का इतिहास आधुनिकता के रूप में विश्व प्रख्यात है। यहां पर मुगलों द्वारा बनाई गई बड़ी बड़ी ऐतिहासिक इमारतें हैं।जो दार्शनिक रूप से विश्व में प्रसिद्ध है। यहां पर भारतीयों के साथ-साथ विदेशी यात्री भी बड़ी संख्या में दिल्ली आते हैं। दार्शनिक स्थल निम्न हैं –
LAL QILA
मुगल शासक द्वारा बनाया गया लाल किला, जो बलुआ पत्थर से बना हैं। लाल किला से जुड़ी कुछ बातें निम्न है –
- यह पर्यटकों को आकर्षित करने वाला दिल्ली का प्रमुख पर्यटन स्थल है।
- यह बहुत-सी अलग अलग तरह की जगह का संगम है।
- दिल्ली के लाल किला में एक बड़ा संग्रहालय भी देखने को मिलता है।
- सजावटी सामान, प्रथम गने आदि एसपी मीना बाजार में जगमगाते हुए मिलेंगे।
- दिल्ली के लाल किला में शाम के वक्त लाइट व साउंड शो जो आपको बेहद मनमोहक व मनोरंजन के साथ आनंद की अनुभूति कराएंगे।
- लाल किला पेरिस की आर्क डे ट्रॉयम्फ़ से प्रेरित है।
- इसे सन् 1931 में बनवाया गया था, जो मूल रूप से अखिल भारतीय युद्ध स्मारक के रूप में जानने वाले लोगो के लिए प्रेरणा स्थल है।
- इस स्मारक का निर्माण ब्रिटिश शासन द्वारा 9000 सैनिकों की स्मृति मैं समर्पित है।
INDIA GATE
इंडिया गेट नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर स्थित है। जिसकी ऊंचाई 45 मीटर है, यह भारत की स्वतंत्रता राष्ट्रीय स्मारक है, जिसे पूर्व में किंग्स वे कहा जाता था। दुनिया भर से पर्यटक यहां की खूबसूरती को निहारने के लिए आते रहते हैं। हर भारतीय के मन में यह प्रेरणा रहती कि,एक बार इंडिया गेट परिक्षेत्र का भ्रमण जरूर किया जाए।
QUTAB MINAR
कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा बनवाई गई इस इमारत को भारत की सबसे ऊंची मीनार है। कुतुब मीनार की कुछ खास बातें निम्नलिखित हैं-
- यह यानी वास्तु कला का प्रमुख उदाहरण है।
- कुतुब मीनार को यूनेस्को विश्व विरासत स्थल में शामिल किया गया है।
- यह दिल्ली की नमी पर्यटन स्थल है, इसके पास ही एक लोहे का स्तंभ बना है, जिस पर आज तक जंग नहीं लगा है।
- इस स्थल को हरियाली रूपित पिकनिक स्थल के तौर पर भी लोग इसे बेहद पसंद करते हैं।
हुमायूं का मकबरा
हुमायूं ने अपनी पत्नी हाजी बेगम की याद में इस स्थान को बड़ी सुंदरता के साथ बनवाया था। संगमरमर और लाल पत्थर के संगम से बना यह मकबरा भी मुगल काल का प्रमुख उदाहरण है। यहां पर हुमायूं के साथ-साथ मुगलों की कुछ प्रमुख पूर्वजों की समाधि बनाई गई थी। ऊंची व बड़ी सीढ़ियां, बड़े-बड़े कलात्मक दरवाजे प्राचीनता को बखूबी दर्शाते हैं। चारों ओर हरि घास व घने पेड़ों से समुचित चबूतरे पुराने भवनों की याद दिलाते हैं।
अक्षरधाम मंदिर
दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर जो विश्व के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में शामिल है। अक्षरधाम से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं –
- यह स्वामी नारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
- यह दिल्ली का सबसे मशहूर हिंदू पर्यटन स्थल है।
- यह मंदिर अलग-अलग भागों में बटा हुआ है। जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, नौका विहार और शाम के समय वाटर शो भी आपको देखने के लिए मिलेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न – दिल्ली की सबसे ऊंची मीनार का नाम क्या है?
उत्तर – दिल्ली राजधानी की सबसे ऊंची मीनार कुतुब मीनार है।
प्रश्न – दिल्ली के कुछ प्रमुख दार्शनिक स्थल कौन-कौन से हैं?
उत्तर इंडिया गेट कुतुब मीनार अक्षरधाम एवं लाल किला आदि माने जाते है।
प्रश्न – लाल किला का निर्माण कब कराया गया था?
उत्तर – सन 1931 में लाल किला का निर्माण कराया गया था।
प्रश्न – लाल किला का निर्माण किसके द्वारा कराया गया था?
उत्तर – लाल किला का निर्माण एक मुगल शासक द्वारा कराया गया था।
प्रश्न – इंडिया गेट की ऊंचाई कितनी है?
उत्तर – विश्व प्रसिद्ध इंडिया गेट की ऊंचाई लगभग 45 मीटर है।
प्रश्न – हुमायूं को मकबरा कहां स्थित है?
उत्तर – राजधानी दिल्ली में हुमायूं का मकबरा स्थित है।
प्रश्न – भारत की पुरानी राजधानी कहां थी?
उत्तर – भारत की पुरानी राजधानी कोलकाता थी।
प्रश्न – दिल्ली राजधानी की नई कब रखी गई थी?
प्रश्न- सन 1911 में राजधानी दिल्ली की नींव रखी गई थी।