सिंघाड़ी नदी छतरपुर

सिंघाड़ी नदी छतरपुर

सिंघाड़ी नदी छतरपुर
सिंघाड़ी नदी छतरपुर

छतरपुर जिले की प्यास बुझाने वाली सिंघाड़ी नदी का इतिहास काफी पुराना है। इसका उद्गम स्थल छतरपुर में मिलने वाले तीन नालो का संगम है- जिसमें गठेवरा नाला, चंद्रपुर नाला एवं सटई रोड से बहने वाले नाला इसकी उद्गम स्थल की आधारशिला रखते हैं।

सिंगड़ी नदी नाम कैसे पड़ा

सिंघाड़ी नदी नाम कैसे पड़ा
सिंघाड़ी नदी नाम कैसे पड़ा

बुंदेलखंड परिक्षेत्र में मत्स्य पालन एवं सिंघाड़े का उत्पादन प्रचुर मात्रा में किया जाता है। पुरानी परंपराओं के अनुसार परंपरागत खेती को आधार माना गया है। ढीमर (रैकवार) समाज के लोगों द्वारा सिंघाड़े एवं मत्स्य पालन का प्रचलन इस क्षेत्र में बहुलता का प्रमुख उदाहरण है। पूर्णता सिंघाड़े के उत्पादन के लिए जाने वाली इस नदी का नाम सिंघाड़ी नदी रखा गया।

छतरपुर शहर की पालनहार

आजीविका का साधन
आजीविका का साधन

महाराजा छत्रसाल की पावन नगरी छतरपुर में अधिक संख्या में तालाब कुआ एवं बावड़ी पूर्व समय में बने हुए थे इसके कुछ फायदे निम्नलिखित हैं-

  • जल स्तर  सुधार जिम्मेदारी सिंघाड़ी नदी को माना जाता था।
  • इस नदी के बहने से अधिकतम तालाबों को इसी नदी के जल द्वारा भरा जाता था।
  • पूर्व समय में सिंघाड़ी नदी सहित तालाबों पर मत्स्य पालन एवं सिंघाड़े की खेती करने का अधिकार रैकवार समाज का माना जाता था। जिससे उनकी आजीविका पूर्ण रूप से चलती थी।

दो दशक पहले जल संकट की स्थिति में मोहन पहाड़ी के समीप घने जंगल की आबादी थी, जिसमें विभिन्न प्रकार के जानवर तेंदुआ, लोमड़ी, खरगोश, अजगर आदि का निवास स्थल था। साथ ही खेतों में इसके पानी को सींचा जाता था।

दो दशक पहले सौंदर्यकरण के प्रयास

सुंदरीकरण
सुंदरीकरण

सिंघाड़ी नदी के सौंदर्य करण एवं पुनर्जीवित करने के लिए लाखों रुपए की राशि इस पर खर्च की गई, लेकिन जिस स्थान से पानी की आवक थी। उन स्थानों को बंद करने के कारण यह नदी एक नाले की तरह दिखने लगी। जिसका असर छतरपुर शहर के जनजीवन पर पड़ा। सिंघाड़ी नदी के विघटन का मुख्य कारण रेत का अवैध उत्खनन एवं लोगों द्वारा भूमि का अवैध कब्जा होना है।

संकट मोचन पहाड़ी पर हरे- भरे जंगल हुआ करते थे। लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर मकान में तब्दील कर दिया गया। इस आबादी से निकलने वाला मल – मूत्र एवं विभिन्न प्रकार की वस्तुएं सिंघाड़ी नदी साधारण नदी में तब्दील हो गई।

अवैध कब्जे से अस्तित्व पर खतरा

लोगों द्वारा मानव बस्ती बनाने के कारण नदी प्रवाह स्थल को कई जगह से तोड़ दिया गया, जिसकी वजह से जिस दिशा में नदी जल का प्रवाह होना था। उस दिशा में जल का प्रवाह नहीं हो पा रहा एवं छोटे-छोटे भागों में विभाजित कर यहां बस्तियां बना दी गई जिससे- तीन नदियों को मेल (उद्गम स्थल) न बनने से जल प्रवाह परिवर्तन के कारण उद्गम स्थल की खतरे में पड़ गया।

भारत में छोटी नदियों की स्थिति

छोटी नदियां
छोटी नदियां

बुंदेलखंड का छतरपुर नहीं अपितु भारत देश में ऐसी हजारों छोटी-छोटी नदी है, जिनका अस्तित्व आज लगभग खत्म होने की स्थिति में है। जिसका मुख्य कारण नदियों में चल रहे अवैध उत्खनन एवं आमजन द्वारा जनजीवन बसाने की होड़ में उद्गम स्थल एवं छोटे-छोटे नालों पर अवैध कब्जा कर मकान व घर को बनाकर उनके रास्तों से हस्तक्षेप करना है।

बुंदेलखंड समेत भारत के हजारों नदियों की अस्तित्व में पड़ गया। जिस पर ध्यान सरकार का नहीं जा पा रहा। केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा इन नदियों के अस्तित्व पर ध्यान दिया जाना चाहिए। यह जिम्मेदारी पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की भी हो सकती है।

अक्सर पूछे गए प्रश्न

प्रश्न – सिंघाड़ी नदी कहां स्थि है?

उत्तर – सिंघाड़ी नदी छतरपुर जिले में स्थित है।

प्रश्न – सिंघाड़ी नदी का उद्गम स्थल कहां है?

उत्तर – सिंघाड़ी नदी का उद्गम स्थल छतरपुर स्थित संकट मोचन पहाड़ी के समीप है।

प्रश्न – सिंघाड़ी नदी का नाम सिंघाड़ी कैसे पड़ा?

उत्तर – पूर्व समय में सिंघाड़े का उत्पादन पूर्ण रूप से किए जाने के कारण इसका नाम सिंगड़ी पड़ा।

प्रश्न – सिंघाड़ी नदी किन किन नालों से मिलकर बनी है?

उत्तर – सिंघाड़ी नदी ग्राम गठेवरा नाला, चंद्रपुर नाला एवं सटई रोड नाले से मिलकर बनी है।

प्रश्न – सिंघाड़ी नदी का अस्तित्व क्यों खत्म हो गया?

उत्तर- रेत के अवैध उत्खनन को इसके लुप्त होने की मुख्य वजह बताया गया है।

प्रश्न – सिंघाड़ी नदी से कितने तालाबों को भरा जाता था।

उत्तर – सिंघाड़ी नदी से छतरपुर के अधिकतम तालाबों को जल द्वारा भरा जाता था।

प्रश्न – सिंघाड़ी नदी से खजुराहो की दूरी कितनी है?

उत्तर – सिंघाड़ी नदी से विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो की दूरी 40 किलोमीटर लगभग है।

प्रश्न – बागेश्वर धाम से सिंघाड़ी नदी कितनी दूरी पर स्थित है?

उत्तर – बागेश्वर धाम से सिंघाड़ी नदी की दूरी लगभग 28 किलोमीटर है।

इस लेख में हमारी टीम द्वारा छतरपुर मध्य प्रदेश में बहने वाली सिंघाड़ी नदी के बारे में जानकारी प्रदान की गई है। यदि आप भी इसी तरह की किसी नदी अथवा जानकारी को हमारी टीम के साथ साझा करना चाहते हैं, तो कमेंट बॉक्स में इस पर प्रतिक्रिया दीजिए। धन्यवाद।

Leave a comment